गायत्री मंत्र के प्रत्येक शब्द का अर्थ
ॐ - प्रणव
भूर - मनुष्य को प्राण प्रदान करने वाला
भुवः - दुख़ों का नाश करने वाला
स्वः - सुख़ प्रदान करने वाला
तत - वह
सवितुर - सूर्य की भांति उज्जवल
र्वरेण्यं - सबसे उत्तम
भर्गो - कर्मों का उद्धार करने वाला
देवस्य - प्रभु
धीमहि - आत्म चिंतन के योग्य (ध्यान)
धियो - बुद्धि
यो - जो
नः - हमारी
प्रचो- दयात् - हमें शक्ति दें (प्रार्थना)
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